मिलेगी सब्सिडीनई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का फायदा भले ही आम उपभेक्ता को न मिला पर सरकार को मिला है। तेल की कीमतों में कमी ने सरकार को लाभार्थियों के खातों में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने से बचाया है। मई से सरकार डाइरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट योजना के तहत सभी महानगरों में घरेलू एलपीजी ग्राहकों के खातों में सब्सिडी का भुगतान नहीं करेगी, जबकि सब्सिडी केवल परिवहन की बढ़ी हुई लागत वाले अन्य शहरों में 2-5 रुपये तक सीमित होगी और 8 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए लगभग 20 रुपये प्रति सिलेंडर होगी। सभी उपभोक्ताओं को 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का भुगतान बाजार मूल्य के बराबर करना होगा। बता दें सरकार सब्सिडी को सीधे पात्र उपभोक्ताओं के खाते में स्थानांतरित करती है। बाजार और रसोई गैस के रियायती मूल्य के बीच के अंतर को सरकार सब्सिडी के रूप में देती है। मार्च के मध्य से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 35 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से कुछ समय के लिए 20 डॉलर से भी नीचे आ गई हैं। 'ड में गिरावट के साथ-साथ एलपीजी की कीमतों में भी गिरावट आई है। इसके बाद गैर- सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 162.50 तक की गई है। एक मई से तेल कंपनियों _ने दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 162.50 रुपये सस्ता कर दिया है। अब यह 581.50 रुपये प्रति सिलेंडर पड़ रहा है। देश के एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के तेल शोधनकर्ता और खुदरा विक्रेता कपंनी के एक अधिकारी ने कहा कि रसोई गैस के मौजूदा बाजार मूल्य पर सरकार को किसी भी तरह की सब्सिडी देने की आवश्यकता नहीं है। उज्जवला ग्राहकों के लिए केवल मामूली सब्सिडी की आवश्यकता हो सकती है। बजट 2020-21 में एलपीजी सब्सिडी के लिए 37,256.21 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जो 2019- 20 के लिए 34,085.86 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 9 प्रतिशत अधिक है।